नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
"आज की नारी- पहचान नई" - किर्ती काशिनाथ होसुरकर
"शिक्षा" से जनचेतना जाग उठी है,
नारी अब "नवचेतना" से जाग उठी हैं।
शिक्षित होकर जगमें पा रहीं सम्मान है
समाज में बढ रहा उसका "मान" हैं।
जिवन के "रहस्य" को अब जान गई है
नारी दृढ़संकल्प से आगे बढ़ रही हैं।
"ज्ञान" रूपी धनको अर्जित कर रही है
जीवन रूपी कला को सिख रही हैं।
सबके सामने "आदर्श" बन रही है
समाज में अपना नाम कमा रही हैं।
वह जो "धैर्य" रख सकती है,
जीवन में अपना "अस्तित्व" पा
सकती हैं।
अब जाग गई है "नारी"
"शिक्षा" की हैं ओ
"अधिकारीणी"
ओ है आज की नारी
ओ है आज की नारी
ओ है आज की नारी।
- किर्ती काशिनाथ होसुरकर
पीएच.डी. हिंदी, शोधार्थी
जालना महाराष्ट्र
मोबाईल नं :- 7249658179
Email :- hosurkarkirti849@gmail.com
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