नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
"आधी आबादी हूँ मैं !" (कविता) - डॉ. अशोक कुमार नेगी
पथ पर चलती निरंतर
लक्ष्य से नहीं हटी
पा कर ही रही उसे
डटी हूँ मैं।
अडिग बनी मैँ कर्म पथ पर
रत रही सतत!
हठी हूँ मैँ।
खुटी नहीं
जुटी हूँ मैँ।
दुनिया भर की आधी आबादी हूँ मैं।
कम नहीं किसी से यदि वादी तो
प्रतिवादी भी हूँ मैं।
ज़िंदगी नहीं सरल, वक्त पे टेढ़ी तो
सीधी सादी भी हूँ मैं।
ख़ुशनुमा और बेहतरी की तान भी
दानवीय कृत्य के प्रतिरोध हेतु
शैतान भी हूँ मैं ।
लू के थपेड़ों की भट्टी में गर झुलसना पड़ा
या कि
बर्फीले तूफ़ान में गर जम गई रक्तिम नसें तो
तब भी मैं मातृभूमि पर सर्वस्व बलिदानी बन
अग्रिम पंक्ति में भी हूँ मैं।।
राष्ट्र की आधी आबादी हूँ मैं !
- डॉ. अशोक कुमार नेगी
वरिष्ठ व्याख्याता, ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
(DIET), खण्डवा, मध्यप्रदेश
8717899310
negiknw@gmail.com
8 मार्च 2024,अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
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