नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
ऋतू चौहान - अर्धांगिनि
मैंने देखा अर्धांगिनियों को
फल सब्जी आदि बेचते
होटल ढाबे आदि पर
पतियों के संग हाथ बाँटते
अपने दिव्यांग पति का
स्थान घेर कर
घर के लिए उपार्जिका लाते
मैंने देखा उस सुंदरता को भी
अपने व्यवसनी पति का साथ निभाकर
उसकी संतान को पोषित करते
क्योंकि वह अर्धांगिनी है उसको मिला है यह शब्द अर्धांगिनी का
हां वह आधा दुख हर लेती है
आधा अंग बन जाती पति का
पुरुषों के लिए कोई अर्धांग शब्द नहीं होता क्योंकि अर्धांग का मतलब तो होता है दिव्यांग..
ऋतू चौहान
- ऋतु चौहान
शोधार्थी
ग्राम- माधोवाला पोस्ट - गोपीवाला जिला - मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
ईमेल chauhanreetu115@gmail. com.
संपर्क नंबर 8368376519
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