नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नवीन कुमार - "राम बनना होगा"
मैं बनूं या तुम बनो, किसी को तो राम बनना होगा।
रावण बहुत है कलयुग में,किसी को तो राम बनना होगा।
सीता का भी हाल बुरा है, इस घोर कलयुग में।
हर घर में है रावण, तो हर घर में राम बनना होगा।
किसी को तो रावण का संहार करना होगा।
मैं बनूँ या तुम बनो, किसी को तो राम बनना होगा।
किसी को तो भीम बनकर ,
द्रोपदी के स्वाभिमान की रक्षा करना होगा ,
किसी को तो दुर्योधन की जांघ तोड़ना होगा,
किसी को तो दुशासन की छाती चीरना होगा,
मैं बनूं या तुम बनो, किसी को तो भीम बनना होगा।
किसी को तो अभिमन्यु बनकर ,
अपनी माता के अपमान का बदला लेना होगा।
किसी को तो धृष्टद्युम्न बनकर,
अपने बहन की स्वाभिमान के लिए,
गुरु द्रोणाचार्य का वध करना होगा।
किसी को शिखंडी बनकर,
भीष्म पितामह के वध का कारण बनना होगा।
एक नारी के स्वाभिमान की रक्षा के लिए,
किसी को तो अर्जुन बनकर अपने ही कुल विनाश करना होगा।
मैं बनूँ या तुम बनो , किसी को अर्जुन बनना होगा ।
- नवीन कुमार
स्नातकोत्तर ( छात्र)
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा, बिहार
पता - ग्राम+पोस्ट- सकरौली, जिला- बेगूसराय,राज्य- बिहार पिन कोड -848202
मोबाइल - 8651813384
ईमेल- navinkumarbgs3512@gmail.com
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