नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
नारी शक्ति को समर्पित "रचना पर्व"
प्रा. थोरात जितेंद्र सुदाम - "नारी तेरे हर रूप की मैं करूं प्रशंसा"
नारी तेरे हर रूप की में करू प्रशंसा
राक्षसों का किया विनाश वह नारी थी दुर्गा माता, महाकाली।
छत्रपति शिवाजी महाराज को दी तालिम और शिक्षा वह नारी थी जिजाऊ माता।
औरतों को दिया अपने पैरों पर खड़े होने का अधिकार वह नारी थी सावित्रीबाई फुले।
भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया वह नारी थी लता मंगेशकर।
मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी यह कहकर शत्रु से लड़ी वह नारी थी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई।
भारत की प्रथम महिला पंतप्रधान बनने का मिला सम्मान वह नारी थी इंदिरा गांधी।
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति का मिला सम्मान वह नारी है प्रतिभा पाटिल।
अंतरिक्ष में जाकर लहराया झंडा तिरंगा वह नारी थी कल्पना चावला।
बेबस बच्चों, दुखी महिलाओं का किया उद्धार वह नारी थी मदर तेरेसा।
मिला प्रथम महिला राज्यपाल पद का सम्मान वह नारी थी सरोजिनी नायडू।
मिला जिनको प्रथम महिला मुख्यमंत्री का सम्मान वह नारी सुचेता कृपलानी।
स्वीकारा प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष का पद वह नारी मीरा कुमार।
प्रथम महिला आय.पी.एस.अधिकारी बनने का मिला सम्मान वह नारी है किरण बेदी।
मिला प्रथम महिला नौसेना पायलट का पद वह नारी शिवांगी सिंह ।
साहस, वीरता, समर्पण, त्याग जिसमें यह झलक दिखती वह है नारी... वह है नारी...।
नारी तेरे हर रूप का मैं करू सम्मान..।
स्वरचित कविता
प्रा. थोरात जितेंद्र सुदाम
पद- हिंदी सहायक अध्यापक
महाविद्यालय का नाम - एस.एन.डी. कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय,येवला ता. येवला जिला. नासिक (महाराष्ट्र) 423401
ईमेल - jiteshsthorat@gmail.com
मो.7350848473
अस्वीकरण (Disclaimer): इस लेख/कविता/रचना में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं और उनकी व्यक्तिगत दृष्टि को दर्शाते हैं। ये विचार स्मिता नागरी लिपि साहित्य संगम/शोध निरंजना के संपादक अथवा संपादकीय मंडल के सदस्यों या उनके विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।