रजत त्यागी - प्यार का वसंत है आया (कविता)
रजत त्यागी - प्यार का वसंत है आया (कविता)
प्यार का वसंत है आया |
मन ने उमंग का लुतफ है उठाया |
चहूँ ओर प्रकृति ने अपना साज है सजाया |
वसंत ने है अपना दीदार है कराया |
वसंत का त्यौहार है |
प्रकृति सराबोर है |
खेत खलिहानों में नई-नई कपोलों की शुरुआत है |
पक्षियों की अपनी ही अलग चहचहाट है |
वसंत अपनी कला का अभ्यास है करता |
प्रकृति पर अपने कला का है प्रहार है करता |
वृक्षों में नई-नई पत्तियाँ है निकलती |
मानो प्रकृति अपना श्रृंगार है करती |
- रजत त्यागी,
जिला - मुजफ्फरनगर राज्य - उत्तरप्रदेश
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